⚖️ सुप्रीम कोर्ट की सख्ती: अब झूठे केस पर नहीं चलेगा
Supreme Court Delhi Police को उस वक्त कड़ी फटकार का सामना करना पड़ा, जब सामने आया कि एक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर के खिलाफ दुष्कर्म का झूठा मामला दर्ज किया गया था। अदालत ने स्पष्ट शब्दों में कहा – “न्याय व्यवस्था खिलौना नहीं है।”
🧑⚖️ कोर्ट ने पूछा – क्या सबूत देखे बिना ही दर्ज हो गया केस?
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से तीखे सवाल पूछे। पीठ ने कहा कि बिना किसी ठोस सबूत के किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा से खेलना बेहद गंभीर मामला है। कोर्ट ने पूछा कि क्या पुलिस अब केवल आरोप के आधार पर केस दर्ज कर रही है?
📉 पुलिस की छवि पर सवाल, अफसरों को किया तलब
इस मामले में अदालत ने दिल्ली पुलिस के अफसरों को भी तलब किया और पूरे मामले की जांच रिपोर्ट मांगी। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामलों से कानून की साख और पुलिस की विश्वसनीयता दोनों को नुकसान होता है।
📲 सोशल मीडिया पर चर्चा, आम जनता में नाराज़गी
जैसे ही फैसला आया, सोशल मीडिया पर “#JusticeForInfluencer” ट्रेंड करने लगा। लोग दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाने लगे और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया।
🎯 निष्कर्ष: अब झूठ और दबाव में नहीं चलेगा सिस्टम
Supreme Court Delhi Police विवाद ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि अदालतें किसी के दबाव में नहीं, सिर्फ सबूतों के आधार पर फैसला सुनाती हैं। अब वक्त आ गया है कि जांच एजेंसियां जवाबदेह बनें।











