धार्मिक विचारों की गूंज:
महर्षि वाल्मीकि का नाम सुनते ही मन में श्रद्धा का भाव उमड़ आता है। भागवत ने कहा कि Maharshi Valmiki Ramayan केवल एक कथा नहीं, बल्कि ऐसा दिव्य ग्रंथ है जो संसार के दुखों को मिटाने के लिए रचा गया था।
रामायण का उद्देश्य:
भागवत ने बताया कि महर्षि वाल्मीकि ने जब श्रीराम के जीवन से प्रेरणा ली, तब उन्होंने समझा कि धर्म, सत्य और करुणा के बिना संसार में शांति संभव नहीं। इसी भावना से उन्होंने Maharshi Valmiki Ramayan की रचना की।
दुखों से मुक्ति का मार्ग:
उनका मानना है कि रामायण मनुष्य को कर्म, त्याग और भक्ति का मार्ग दिखाती है। यह ग्रंथ केवल कथा नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला सिखाने वाला शाश्वत ग्रंथ है।
भागवत का संदेश:
भागवत ने कहा कि वाल्मीकि का उद्देश्य किसी युग विशेष तक सीमित नहीं था — उन्होंने पूरे मानव समाज के कल्याण के लिए यह अमर काव्य रचा। Maharshi Valmiki Ramayan आज भी लोगों को नैतिकता और सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा देती है।
धर्म और समाज का संगम:
भागवत ने कहा कि रामायण केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि समाज सुधार का माध्यम भी है। इसमें हर व्यक्ति के जीवन के लिए एक संदेश छिपा है — कि सत्य और धर्म ही अंततः विजय दिलाते हैं।
अमर ग्रंथ की शक्ति:
महर्षि वाल्मीकि की रचना ने भारतीय संस्कृति को नई दिशा दी। Maharshi Valmiki Ramayan आज भी दुखों से मुक्ति और आत्मशांति की ज्योति बनकर मानवता का मार्गदर्शन कर रही है।











