🕶️ जासूसी फिल्म जैसी असली कहानी
Ajit Doval Secret Mission को आज भी भारत की इंटेलिजेंस दुनिया का सबसे बड़ा ऑपरेशन माना जाता है। जिस तरीके से उन्होंने सिक्किम को भारत में मिलाने की रणनीति बनाई, वो एकदम गोपनीय, तेज और बिना खून-खराबे के था।
📍 पृष्ठभूमि: सिक्किम कभी भारत का हिस्सा नहीं था
1970 के दशक में सिक्किम एक स्वतंत्र रियासत थी, जिसका अपना राजा — “चोग्याल” — होता था। भले ही भारत ने उसे प्रोटेक्टर स्टेट माना था, लेकिन चीन और अमेरिका की भी इस छोटे से राज्य में रुचि थी। यहीं से शुरू हुआ अजीत डोभाल का मिशन।
🎯 मिशन की प्लानिंग: जब RAW ने बिछाई बिसात
तत्कालीन इंटेलिजेंस अफसर अजीत डोभाल, उस समय RAW के लिए काम कर रहे थे। उनका काम था राजनीतिक माहौल को भांपना, जनता की नब्ज टटोलना और सिक्किम में भारत के समर्थन में माहौल बनाना। इसके लिए उन्होंने कई गुप्त मुलाकातें, स्थानीय नेताओं से संपर्क और पब्लिक मूवमेंट्स को संगठित करना शुरू किया।
🔥 बिना गोली चलाए हुआ ‘मर्जर’
1975 में सिक्किम की जनता ने भारत में विलय के पक्ष में मतदान किया। इस जनमत संग्रह के पीछे की बड़ी प्लानिंग डोभाल और उनकी टीम की थी। बिना एक भी गोली चले, सिक्किम भारत का 22वां राज्य बन गया — और दुनिया देखती रह गई।
🧠 डोभाल की रणनीति: चुपचाप लेकिन असरदार
इस मिशन में न कोई हेडलाइन थी, न कोई टीवी कैमरे। सबकुछ गोपनीय, लेकिन बेहद प्रभावशाली था। यही डोभाल की खासियत है — जहां जरूरत हो, वहां सटीक और शांत रणनीति।
📌 निष्कर्ष: इतिहास का वो पन्ना जो स्कूल की किताबों में नहीं
Ajit Doval Secret Mission से हमें ये समझ में आता है कि राष्ट्र की सुरक्षा और विस्तार केवल युद्ध से नहीं, बल्कि स्मार्ट प्लानिंग और जनभावना से भी संभव है। सिक्किम के भारत में शांतिपूर्ण विलय की ये कहानी आज भी दुनिया भर के खुफिया एजेंसियों के लिए एक क्लासिक केस स्टडी बनी हुई है।











