
शुरुआत ही सवालों से भरी
क्या रूस-यूक्रेन जंग अब मोड़ लेने वाली है? ये सवाल और गहरा हो गया जब Trump Putin meeting के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीधे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को फोन किया। हैरानी की बात यह है कि इसके कुछ ही समय बाद ट्रंप ने NATO नेताओं से भी बातचीत की।
पुतिन मुलाकात के बाद नई कूटनीति
अलास्का में हुई Trump Putin meeting कई घंटों तक चली, लेकिन किसी ठोस समझौते पर बात नहीं बनी। फिर भी, इस मुलाकात के तुरंत बाद ट्रंप का रुख बदलता हुआ दिखा। पुतिन से वार्ता खत्म होने के बाद उन्होंने जेलेंस्की से बातचीत कर रूस-यूक्रेन संघर्ष पर अपनी स्थिति को नया आयाम दिया।
जेलेंस्की को सीधा संदेश
सूत्रों के मुताबिक, फोन कॉल में ट्रंप ने जेलेंस्की से जंग की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने यह संकेत भी दिया कि अगर हालात संभलते हैं, तो अगले कुछ हफ्तों में बड़े फैसले हो सकते हैं। यह कदम साफ दिखाता है कि पुतिन के साथ मुलाकात का असर ट्रंप की रणनीति पर पड़ा है।
NATO लीडर्स से बैक-टू-बैक बातचीत
सिर्फ जेलेंस्की ही नहीं, ट्रंप ने NATO देशों के प्रमुख नेताओं से भी फोन पर चर्चा की। ये बातचीत बेहद अहम मानी जा रही है क्योंकि NATO लगातार रूस-यूक्रेन जंग में यूक्रेन का समर्थन कर रहा है। अब सवाल यह है कि क्या ट्रंप का यह कूटनीतिक कदम किसी नई शांति प्रक्रिया की शुरुआत है?
क्या रुकने वाला है रूस-यूक्रेन युद्ध?
पिछले दिनों ट्रंप कई बार चेतावनी दे चुके हैं कि अगर जरूरत पड़ी तो रूस पर सख्त टैरिफ और सेकेंडरी प्रतिबंध लगाए जाएंगे। वहीं, पुतिन के साथ उनकी मुलाकात और उसके बाद जेलेंस्की व NATO नेताओं से बातचीत ने एक नए सस्पेंस को जन्म दिया है—क्या युद्ध थमेगा या यह सिर्फ कूटनीतिक चाल है?
दुनिया की नजर अगले कदम पर
फिलहाल, Trump Putin meeting के बाद के इन घटनाक्रमों ने पूरी दुनिया को चौकन्ना कर दिया है। भारत से लेकर यूरोप तक सभी देश ट्रंप की अगली चाल पर नजर गड़ाए हुए हैं। क्या यह सचमुच शांति की शुरुआत होगी या सिर्फ एक रणनीतिक संदेश? इसका जवाब आने वाले हफ्तों में सामने आएगा।