🔥 ट्रंप की टिप्पणी से भड़का ड्रैगन
Taiwan China Dispute को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया दावे ने चीन को चिढ़ा दिया है। ट्रंप ने दावा किया कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्हें निजी तौर पर आश्वस्त किया है कि उनके कार्यकाल के दौरान चीन ताइवान पर हमला नहीं करेगा। लेकिन चीन ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
🧨 ‘ताइवान चीन का हिस्सा है’ – बीजिंग की दो टूक
ट्रंप के इस बयान के बाद चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने प्रेस वार्ता में कहा—”ताइवान चीन का अविभाज्य हिस्सा है। यह हमारा आंतरिक मामला है, और इसका समाधान चीन के लोग तय करेंगे।” चीन ने इस मुद्दे में किसी भी विदेशी हस्तक्षेप को खारिज कर दिया।
📡 ट्रंप का दावा—जिनपिंग ने दिया था भरोसा
ट्रंप ने यह बयान अलास्का में व्लादिमीर पुतिन से मिलने से पहले एक इंटरव्यू में दिया। उन्होंने कहा कि जून में शी जिनपिंग से हुई बातचीत में उन्हें भरोसा दिलाया गया था कि चीन ताइवान पर सैन्य कार्रवाई नहीं करेगा। ट्रंप ने इसे चीन का “धैर्य” करार दिया और सराहना की।
🚢 ताइवान के चारों ओर चीन की ताकत का प्रदर्शन
बीजिंग लंबे समय से ताइवान को अपना हिस्सा मानता रहा है। चीन अक्सर अपने युद्धपोतों और फाइटर जेट्स को ताइवान की सीमा में भेजता है ताकि सैन्य दबाव बना रहे। यह प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि चीन ताइवान को जबरन अपने नियंत्रण में लाना चाहता है।
🔫 अमेरिका और ताइवान का गहराता रिश्ता
दूसरी ओर, अमेरिका ताइवान को समर्थन देता रहा है। वह न केवल ताइवान के लोकतंत्र का समर्थन करता है, बल्कि उसे आधुनिक हथियार भी मुहैया कराता है। चीन इस पर हमेशा विरोध जताता आया है, लेकिन अमेरिका पीछे हटने के मूड में नहीं है।
⚔️ कूटनीति या टकराव — किस ओर जाएगा मामला?
Taiwan China Dispute अब केवल दो देशों का मामला नहीं रहा, बल्कि यह वैश्विक स्थिरता और शक्ति संतुलन का प्रश्न बन गया है। ट्रंप का बयान एक बार फिर आग में घी डालने जैसा साबित हुआ है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में बीजिंग और वाशिंगटन के बीच यह तनातनी किस दिशा में बढ़ती है।













