साध्वी प्रज्ञा बरी, सियासत में नया मोड़
Sadhvi Pragya को मालेगांव ब्लास्ट केस में क्लीन चिट मिलते ही राजनीति का माहौल बदल गया। वही दिग्विजय सिंह, जिनके बयान पर कभी ‘हिंदू आतंकवाद’ शब्द सुर्खियों में आया था, अब सुर बदलते दिखाई दे रहे हैं।
अमित शाह का बयान और संसद में गूंज
मानसून सत्र के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि हिंदू समुदाय का कोई व्यक्ति आतंकवादी नहीं हो सकता। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव पर सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि धर्म को आतंक से जोड़ना गलत है।
दिग्विजय सिंह की नई सफाई
साध्वी प्रज्ञा के बरी होते ही दिग्विजय सिंह ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि ना हिंदू आतंकवादी होता है, ना मुसलमान। हर धर्म प्रेम और सद्भाव का प्रतीक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने ‘भगवा आतंकवाद’ नहीं, बल्कि ‘संघी आतंकवाद’ कहा था।
धर्म को हथियार बनाने पर निशाना
दिग्विजय ने कहा कि कुछ लोग धर्म को नफरत का हथियार बनाते हैं। उन्होंने दोहराया कि धर्म और आतंकवाद को जोड़ना उचित नहीं है। यह बयान ऐसे समय आया है, जब कांग्रेस पर हिंदू विरोधी छवि के आरोप लगते रहे हैं।
2018 के बयान और भाजपा के आरोप
2018 में गौरी लंकेश हत्याकांड के बाद दिग्विजय ने कहा था कि पकड़े गए लोग हिंदू धर्म से जुड़े आतंकवादी हैं और सभी संघ के कार्यकर्ता थे। भाजपा ने तब आरोप लगाया था कि मालेगांव ब्लास्ट के बाद साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित को झूठे भगवा आतंकवाद के नाम पर फंसाया गया।











