
बारिश ने तोड़ा 70 साल का रिकॉर्ड
Rajasthan Rain Record ने इतिहास रच दिया है। जुलाई महीने में 285 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो पिछले सात दशकों में सबसे ज्यादा है। नतीजा यह हुआ कि प्रदेश के कई जिले जलमग्न हो गए और हालात बिगड़ते चले गए।

हिमाचल में बादल फटे, तबाही का मंजर
हिमाचल के लाहौल घाटी में शुक्रवार को तीन जगह बादल फटे। बाढ़ से उदयपुर-किलाड़ सड़क बंद हो गई, हालांकि शाम तक बीआरओ ने इसे बहाल कर दिया। यांगला घाटी और जिस्पा में भी लोग जान बचाने के लिए भागे। कांगड़ा जिले में मूसलधार बारिश से सात पशुशालाएं और दो मकान ढह गए।
फोरलेन पर घंटों फंसे वाहन
मंडी के पंडोह और बिलासपुर के समलेटू में भूस्खलन से कीरतपुर-मनाली फोरलेन करीब नौ घंटे ठप रहा। सैकड़ों वाहन दोनों ओर फंसे रहे। चंबा जिले में बाजोली-होली और ग्रीनको बुधिल पनबिजली प्रोजेक्ट को सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया है।

अमरनाथ और केदारनाथ यात्रा स्थगित
भारी वर्षा ने धार्मिक यात्राओं को भी प्रभावित किया। श्री अमरनाथ यात्रा को तीन अगस्त तक रोक दिया गया है। बालटाल और पहलगाम मार्ग पर मरम्मत कार्य चल रहा है। वहीं उत्तराखंड में लगातार भूस्खलन से केदारनाथ यात्रा तीसरे दिन भी रुकी रही।
श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला गया
बाबा केदार के दर्शन कर लौट रहे 450 से अधिक यात्रियों को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने वैकल्पिक रास्ते से सुरक्षित सोनप्रयाग पहुंचाया। हाईवे पर मलबा आने से पांच हजार से ज्यादा यात्रियों को सोनप्रयाग पड़ाव में रोक दिया गया है।

राजस्थान में स्कूल बंद, सेना उतरी
बारिश की मार से राजस्थान के 16 जिलों में लगातार तीसरे दिन स्कूल बंद रहे। धौलपुर और सवाईमाधोपुर में सेना की टीमें राहत कार्य में जुटीं। सीकर में मकान ढहने से एक बच्चे की मौत हुई, जबकि श्रीगंगानगर में सड़कें और इमारतें बह गईं।
मौसम विभाग का नया अलर्ट
मौसम विभाग ने देहरादून, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, नैनीताल और बागेश्वर में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। बारिश से पहाड़ से लेकर मैदान तक जनजीवन अस्त-व्यस्त है और खतरा अभी टला नहीं है।