
🔥 तीन मोर्चों की जंग: ऑपरेशन सिंदूर की अनसुनी कहानी
ऑपरेशन सिंदूर Pakistan China की साजिशों के बीच भारत की वह सैन्य कार्रवाई थी जिसने दुनिया को चौंका दिया। जब भारत पाकिस्तान से लड़ रहा था, तब मैदान में सिर्फ एक नहीं, तीन दुश्मन थे — पाकिस्तान, चीन और तुर्किये।
🪖 डिप्टी आर्मी चीफ का खुलासा: एक दुश्मन सामने, दो पर्दे के पीछे
FICCI के कार्यक्रम में बोलते हुए लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने कहा, “पाकिस्तान के साथ-साथ चीन और तुर्किये ने भी लड़ाई में पाकिस्तान का साथ दिया। पाकिस्तान की 81 फीसदी हथियार आपूर्ति चीन से हो रही थी।”
🔬 चीन बना हथियारों की टेस्टिंग लैब, तुर्किये का सपोर्ट
चीन न केवल अपने हथियारों की आपूर्ति कर रहा था, बल्कि ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान को लाइव लैब की तरह इस्तेमाल कर रहा था। चीन हथियारों की असल जंग में टेस्टिंग कर रहा था। वहीं, तुर्किये ने पाकिस्तान को कूटनीतिक और तकनीकी सहयोग दिया।
🛰 लाइव अपडेट्स के पीछे चीन की चाल
जब भारत और पाकिस्तान DGMO स्तर की वार्ता में थे, तभी पाकिस्तान को चीन से भारतीय मूवमेंट्स के लाइव अपडेट्स मिल रहे थे। यह साइबर वॉरफेयर और इलेक्ट्रॉनिक इंटरसेप्शन का हिस्सा था।
🔰 स्वदेशी हथियारों की ताकत और कमज़ोरी दोनों उजागर
जनरल सिंह ने माना कि संघर्ष के दौरान भारत के कुछ स्वदेशी हथियारों ने शानदार प्रदर्शन किया, पर कुछ उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। उन्होंने कहा कि भविष्य में हमारी एयर डिफेंस प्रणाली और मजबूत होनी चाहिए।
🛡 आयरन डोम जैसी सुरक्षा क्यों नहीं है भारत के पास?
“हमारे पास इजरायल जैसा आयरन डोम नहीं है। देश बड़ा है और संसाधन सीमित। लेकिन यही कारण है कि हमें आत्मनिर्भरता और स्वदेशी तकनीक पर भरोसा करना होगा,” उन्होंने जोड़ा।
🎯 ऑपरेशन सिंदूर: जवाबी हमला जिसने बदल दिया गेम
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब भारतीय सेना ने 7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए दिया। पाकिस्तान और POK में स्थित आतंकी ठिकानों पर हमला कर उन्हें तबाह कर दिया गया।
🚀 भारत का एंटी-ड्रोन सिस्टम बना ढाल
जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने मिसाइल और ड्रोन से हमला किया, लेकिन भारत के मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी हमलों को नाकाम कर दिया और दुश्मन को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।
🔮 भविष्य की तैयारी जरूरी: सेना की चेतावनी
लेफ्टिनेंट जनरल ने स्पष्ट किया कि भविष्य की जंग तकनीक और नेटवर्क वॉरफेयर पर निर्भर होगी। भारत को इससे निपटने के लिए पहले से तैयारी करनी होगी। ऑपरेशन सिंदूर से मिले सबक हमें आगे की राह दिखाएंगे।