
National Herald Case में आज दिल्ली की कोर्ट में ऐसा खुलासा हुआ जिसने गांधी परिवार की मुश्किलें बढ़ा दीं—ED ने इसे ‘ओपन एंड शट केस’ बताया।
🔎 कोर्ट में बम: ED का दावा- Gandhi Parivar ने रची 2000 करोड़ की साज़िश
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में National Herald Case की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गांधी परिवार पर गंभीर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया। ASG एसवी राजू ने कहा—यह कोई आम केस नहीं, बल्कि एक सोची-समझी संपत्ति हड़पने की साज़िश है।
🏢 Congress का रोल: AJL से Young Indian तक की ‘साजिश भरी यात्रा’
ED ने बताया कि कांग्रेस ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को 90 करोड़ का कर्ज दिया, और जब वह रकम वसूलने का वक्त आया, तो संपत्तियों को Young Indian को महज 50 लाख में ट्रांसफर करवा लिया गया।
📂 दस्तावेज और गवाह: ED ने रखे ठोस सबूत
प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में दर्जनों वित्तीय दस्तावेज और गवाहों के बयान पेश किए। उनका दावा—यह सारा लेन-देन पूरी तरह से सुनियोजित था और क्लासिक मनी लॉन्ड्रिंग का केस बनता है।
🏠 कौन-कौन सी संपत्ति? कई शहरों में कब्जे का आरोप
ED के मुताबिक, दिल्ली, लखनऊ, पटना, भोपाल, इंदौर और पंचकूला जैसे शहरों में AJL की अरबों की संपत्तियों पर Young Indian के जरिए गांधी परिवार ने नियंत्रण कर लिया।
🤔 कोर्ट का सवाल: क्या कांग्रेस को बनाया गया है आरोपित?
जज ने ईडी से पूछा—क्या कांग्रेस पार्टी को भी केस में आरोपी बनाया गया है? इस पर ED ने जवाब दिया—अभी नहीं, लेकिन पर्याप्त सबूत मिलने पर पार्टी को भी आरोपित किया जा सकता है।
🧵 कठपुतलियां और कंट्रोल: Gandhi Parivar ही असली कर्ता-धर्ता?
ED ने कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने AICC, AJL और Young Indian तीनों पर पूरा नियंत्रण रखा। बाकी आरोपी केवल नाम मात्र की कठपुतलियां थीं।
🗣️ ASG का निष्कर्ष: केस ओपन एंड शट है, बचाव पक्ष की बारी
ASG राजू ने कोर्ट में कहा कि उन्होंने अपनी दलीलें पूरी कर दी हैं। उन्होंने केस को “ओपन एंड शट” करार दिया और कहा कि अब बचाव पक्ष को जवाब देना है। शुक्रवार को सुनवाई में कांग्रेस की तरफ से जवाबी दलीलें पेश की जाएंगी।