⚖️ Lateral Entry में आरक्षण नहीं — सरकार का बड़ा फैसला
Lateral Entry में आरक्षण नहीं मिलेगा, ये बात सरकार ने स्पष्ट कर दी है। सिविल सेवा में lateral recruitment को लेकर लंबे समय से बहस चल रही थी कि क्या इन नियुक्तियों में भी reservation policy लागू होगी। लेकिन अब सरकार ने संसद में जवाब देते हुए कहा है कि lateral appointments “कॉंट्रैक्ट बेस” पर होती हैं, इसलिए इनमें आरक्षण लागू नहीं होगा।
🏛️ संसद में रखा गया स्पष्ट पक्ष
कार्मिक मंत्रालय ने संसद में लिखित रूप से कहा कि लेटरल एंट्री के तहत होने वाली नियुक्तियां विशिष्ट पदों के लिए होती हैं, जो ओपन मार्केट से विशेषज्ञों की नियुक्ति पर आधारित हैं। ऐसे में आरक्षण का सवाल ही नहीं उठता।
👨💼 लेटरल एंट्री: सरकार की नई भर्ती रणनीति
Lateral Entry का उद्देश्य है कि प्रशासन में प्राइवेट सेक्टर और अन्य क्षेत्रों से अनुभव रखने वाले पेशेवरों को लाया जाए। इससे प्रशासन को नई सोच और टेक्निकल दक्षता मिल सके। अब तक कई Joint Secretary और Director-level पदों पर lateral नियुक्तियां की जा चुकी हैं।
📝 SSC परीक्षा को लेकर भी आया बड़ा अपडेट
सिर्फ Lateral Entry ही नहीं, बल्कि SSC Exam को लेकर भी सरकार ने एक अहम घोषणा की है। सरकार ने कहा है कि अब परीक्षा प्रणाली को more transparent and efficient बनाया जाएगा। जल्द ही SSC की वेबसाइट पर नया अपडेटेड सिस्टम शुरू किया जाएगा जिससे उम्मीदवारों को ज्यादा जानकारी और पारदर्शिता मिलेगी।
📊 डिजिटल मोड में और सुधार
सरकार की मंशा है कि SSC परीक्षा प्रक्रिया को पूरी तरह online, automated और cheat-proof बनाया जाए। इसके लिए AI surveillance, biometric verification और centralized database का उपयोग किया जा रहा है।
📢 उम्मीदवारों को मिलेगी बड़ी राहत
सरकार के अनुसार, इन सुधारों से परीक्षा प्रक्रिया में देरी कम होगी और परिणाम भी जल्दी घोषित किए जा सकेंगे। साथ ही धोखाधड़ी के मामलों पर भी लगाम लगाई जा सकेगी।
🧾 निष्कर्ष: भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और गुणवत्ता
Lateral Entry में आरक्षण नहीं देना और SSC Exam को आधुनिक बनाना, दोनों ही कदम सरकार की उस नीति का हिस्सा हैं जो प्रशासन को प्रभावी और पारदर्शी बनाने की दिशा में उठाए जा रहे हैं।











