
जंग जारी, खतरा बरकरार
Kulgam Encounter का आज चौथा दिन है, और दक्षिण कश्मीर के अक्खाल कुलगाम में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ थमने का नाम नहीं ले रही। आतंकियों को खत्म करने के लिए आज ड्रोन से उनके संभावित ठिकानों पर बम बरसाए गए।
हेलीकाप्टर और ड्रोन का कॉम्बो
ऑपरेशन में सेना के रुद्र हेलीकाप्टर भी शामिल हैं। चारों तरफ से नाकेबंदी कर जवान धीरे-धीरे घेरा कसते जा रहे हैं ताकि आतंकियों के भागने की कोई संभावना न रहे।
सबसे लंबी मुठभेड़
यह इस साल की अब तक की सबसे लंबी मुठभेड़ बन चुकी है। ड्रोन से हमला इस ऑपरेशन में तीसरी बार हुआ है। इससे पहले सितंबर 2023 में गडूल अनंतनाग में इसी तरह ड्रोन से बम बरसाए गए थे।
शुक्रवार शाम से शुरू हुआ ऑपरेशन
मुठभेड़ शुक्रवार शाम को शुरू हुई थी, जब जंगल के ऊपरी हिस्से में आतंकियों के जमावड़े की सूचना पर तलाशी अभियान चलाया गया। तब से इलाके में लगातार गोलीबारी और बमबारी हो रही है।
शहीद और घायल
अब तक एक सैन्य अधिकारी समेत दो सुरक्षाकर्मी घायल हो चुके हैं। तीन आतंकियों के मारे जाने की खबर है, लेकिन सुरक्षाबल सिर्फ एक का शव बरामद कर पाए हैं। बाकी दो के शव साथी आतंकी अपने साथ ले जाने में सफल रहे।
दुर्गम इलाका, प्राकृतिक गुफाएं
ऑपरेशन जिस जगह चल रहा है, वह बेहद दुर्गम है, घने जंगल और गुफाओं से भरा हुआ। यह इलाका आतंकियों के लिए ट्रांजिट रूट की तरह इस्तेमाल होता रहा है, जिससे उनका छिपना आसान हो जाता है।
दो आतंकी दलों की मौजूदगी
रियासी और राजौरी की तरफ से आए दो आतंकी दल यहां छिपे होने की आशंका है, जिनमें छह से सात आतंकी बताए जा रहे हैं। सुरक्षाबल बेहद सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं ताकि जनहानि से बचा जा सके।
हाई-टेक उपकरण और पैरा कमांडो
आतंकियों की सही लोकेशन पता करने के लिए हेलीकाप्टर, ड्रोन, खोजी कुत्तों और अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल हो रहा है। चार जगहों पर पैरा कमांडो के दस्ते भी तैनात किए गए हैं।
नागरिकों की सुरक्षा प्राथमिकता
सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि अभियान में जल्दबाजी नहीं की जा रही, क्योंकि इलाके में गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के डेरे भी हैं। लक्ष्य है—बिना नागरिक हानि के आतंकियों को खत्म करना।