
फर्जी डिग्री मामले में सस्पेंस खत्म
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम Keshav Prasad Maurya Fake Degree Case में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए याचिका को खारिज कर दिया। इस फैसले के साथ लंबे समय से चल रहा विवाद आखिरकार थम गया।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अंतिम फैसला
शुक्रवार को जस्टिस सुधांशु धूलिया और अरविंद कुमार की खंडपीठ ने दिवाकर नाथ तिवारी की विशेष अनुमति याचिका खारिज कर दी। यह याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी।
हाई कोर्ट ने पहले ही की थी याचिका खारिज
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 7 जुलाई को दिए आदेश में साफ कहा था कि याचिकाकर्ता इस मामले में न तो पीड़ित है और न ही प्रभावित पक्ष। अदालत ने माना कि याचिका दायर करने का उद्देश्य निजी लाभ लेना प्रतीत होता है।
एफआईआर दर्ज करने की थी मांग
दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों से चुनाव लड़ने और पेट्रोल पंप प्राप्त करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी।
कोर्ट का सख्त रुख
हाई कोर्ट ने साफ कहा था कि लगाए गए आरोप किसी भी संज्ञेय अपराध को उजागर नहीं करते। सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका खारिज किए जाने के बाद अब इस मामले का स्थायी पटाक्षेप हो गया है, जिससे मौर्य को बड़ी राहत मिली है।