🔥 अचानक आई कार्रवाई से मचा हड़कंप!
जन वितरण प्रणाली घोटाला में बिहार सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। जन वितरण प्रणाली घोटाला के चलते 141 दुकानों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। शुरुआत में किसी को अंदेशा भी नहीं था कि इतनी बड़ी संख्या में दुकानदारों पर गाज गिरने वाली है।
📌 91 दुकानदारों पर दर्ज हुई FIR
जांच में गड़बड़ियां सामने आने के बाद प्रशासन ने सीधे सख्ती दिखाई। कुल 91 दुकानदारों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। इन पर राशन वितरण में धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और अनियमितता के गंभीर आरोप लगे हैं।
📉 प्रशासन की साख पर उठे सवाल, 7 अधिकारी सस्पेंड
कार्रवाई सिर्फ दुकानदारों तक सीमित नहीं रही। जन वितरण प्रणाली घोटाला की गूंज प्रशासनिक गलियारों तक पहुंच गई। जांच में लापरवाही साबित होने पर 7 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इनमें कुछ जिला आपूर्ति पदाधिकारी और ब्लॉक स्तर के अफसर भी शामिल हैं।
🔍 किस आधार पर हुई कार्रवाई?
सूत्रों के मुताबिक, राशन कार्डधारकों की शिकायतों, सोशल ऑडिट रिपोर्ट और विजिलेंस टीम की जांच के बाद ये कार्रवाई हुई। सरकारी अनाज की हेराफेरी, कार्डधारकों को कम राशन देना और रिकॉर्ड में हेरफेर जैसे मामलों पर मुख्य रूप से एक्शन लिया गया है।
⚖️ अब आगे क्या होगा?
बिहार सरकार ने साफ कर दिया है कि जन वितरण प्रणाली में किसी भी तरह की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आगे भी जांच जारी रहेगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस कदम से पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है, खासकर उन इलाकों में जहां अभी भी जांच चल रही है।
📢 जनता को मिला क्या संदेश?
इस एक्शन से साफ है कि सरकार अब जवाबदेही तय करने के मूड में है। जन वितरण प्रणाली घोटाला पर इस तरह की सख्ती से आम जनता को उम्मीद जगी है कि राशन व्यवस्था अब पारदर्शी और ईमानदार बनेगी।
यह सिर्फ शुरुआत है, आगे और भी खुलासे हो सकते हैं। जनता को सतर्क रहने और किसी भी गड़बड़ी की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाने की सलाह दी गई है।












