🏔️ हिमालय दिवस पर जागरूकता का संदेश
Himalaya Diwas CM Dhami ने प्रदेश और देशवासियों को जागरूक करते हुए कहा कि हिमालय सिर्फ एक पर्वत श्रंखला नहीं, बल्कि जीवन रेखा है। इस पर्वतीय धरोहर की सुरक्षा अब केवल नीतियों से नहीं, बल्कि तकनीक और जनसहयोग से संभव है।
🔍 सरकार ले रही तकनीकी उपायों का सहारा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार हिमालय के पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने के लिए जियो-मैपिंग, सैटेलाइट सर्विलांस, और डेटा एनालिटिक्स जैसे आधुनिक तरीकों को अपना रही है। इससे न केवल समय रहते आपदाओं का पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा, बल्कि वनों की कटाई, भू-स्खलन और जलस्रोतों पर नजर भी रखी जा सकेगी।
🌿 स्थानीय समुदायों को जोड़ने पर जोर
सीएम धामी ने यह भी कहा कि हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले स्थानीय समुदायों को संरक्षण अभियान में शामिल करना जरूरी है। सरकार ऐसे समूहों को ट्रेनिंग, संसाधन और तकनीकी सहायता दे रही है ताकि वे अपने क्षेत्रों में स्वयं निगरानी रख सकें और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों की सूचना दे सकें।
⚠️ जलवायु परिवर्तन को लेकर चेतावनी
अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी चिंता जताई कि जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक असर हिमालय पर हो रहा है। ग्लेशियरों के पिघलने की रफ्तार बढ़ रही है, जिससे नदियों के स्रोत और जैव विविधता को खतरा है। उन्होंने कहा कि यह समय केवल बातों का नहीं, ठोस कदम उठाने का है।
🌍 हिमालय बचाना है तो अब एकजुट होना होगा
Himalaya Diwas CM Dhami के इस संदेश में एक स्पष्ट अपील थी — “हिमालय की सुरक्षा केवल सरकार की नहीं, हम सभी की जिम्मेदारी है।” उन्होंने सभी संस्थानों, छात्रों, वैज्ञानिकों और आम नागरिकों से अनुरोध किया कि वे आगे आएं और इस अभियान को जनांदोलन बनाएं।











