🌐 BRICS बैठक में ट्रंप से सताए देशों की एकजुटता
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक विदेश नीति से प्रभावित कई देश अब BRICS मंच पर एकजुट हो रहे हैं। हाल ही में हुई BRICS बैठक में यह साफ देखा गया कि ट्रंप की नीतियों से असंतुष्ट देश अब पश्चिम के विकल्प की तलाश में हैं।
🇮🇳 भारत ने निभाई कूटनीतिक चतुराई
भारत ने इस मौके का इस्तेमाल करते हुए एक मजबूत मध्यस्थ की भूमिका निभाई। वैश्विक तनाव और अमेरिकी प्रभाव से जूझ रहे देशों को भारत ने भरोसा दिलाया कि BRICS के जरिए एक नया संतुलन बनाया जा सकता है।
👤 भारत की ओर से किसे दी गई जिम्मेदारी?
भारत ने इस अहम बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को प्रतिनिधित्व की जिम्मेदारी दी। जयशंकर ने न केवल भारत के विचार प्रस्तुत किए, बल्कि ट्रंप की नीतियों से परेशान देशों की चिंताओं को भी समझदारी से संबोधित किया।
📢 ट्रंप की विदेश नीति से क्यों नाराज़ हैं ये देश?
डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका ने कई पारंपरिक सहयोगी देशों पर व्यापारिक दबाव, संयुक्त समझौतों से पीछे हटने, और आर्थिक प्रतिबंध लगाने जैसे कदम उठाए थे। इससे कई देश खुद को असुरक्षित और उपेक्षित महसूस करने लगे।
💬 बैठक में क्या-क्या हुआ खास?
बैठक में वैश्विक व्यापार, करेंसी विकल्प, टेक्नोलॉजी साझा करना और वैश्विक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। भारत ने BRICS को वैश्विक दक्षिण की आवाज बनाने की दिशा में विशेष प्रयास किए।
🤝 भारत बन रहा है भरोसेमंद साझेदार
भारत की निष्पक्ष और संतुलित विदेश नीति के कारण कई देश उसे विश्व मंच पर स्थिर शक्ति के रूप में देख रहे हैं। ट्रंप से असंतुष्ट देशों के लिए भारत अब पश्चिम के विकल्प के तौर पर उभर रहा है।
🧭 आगे क्या होगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि BRICS इस एकजुटता को बरकरार रखता है और भारत जैसी ताकतों के नेतृत्व में आगे बढ़ता है, तो आने वाले वर्षों में यह संगठन पश्चिमी गठबंधनों को चुनौती दे सकता है।











