
तेल विवाद पर भारत का दमदार रुख
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जुर्माने की चेतावनी के बावजूद भारत ने साफ कर दिया है — भारत रूस तेल खरीद जारी रखेगा। सरकारी सूत्रों का कहना है कि यह दीर्घकालिक अनुबंध हैं, जिन्हें अचानक रोकना संभव नहीं।
ट्रंप का चेतावनी भरा संदेश
पिछले महीने ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर इशारा किया था कि रूस से तेल और हथियार खरीदने पर भारत को अतिरिक्त पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिका के साथ चल रही टैरिफ वार के बीच भारत का यह रुख कड़े जवाब के तौर पर देखा जा रहा है।
सबसे बड़ा खरीदार बना भारत
भारत फिलहाल रूसी कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। आधिकारिक बयान भले न आया हो, लेकिन सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि तेल आयात पर किसी तरह की रोक नहीं है।
रिपोर्टों में क्या दावा था
कुछ रिपोर्टों में कहा गया था कि इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम और मैंगलोर रिफाइनरी ने रूसी तेल खरीदना बंद कर दिया है। लेकिन आईएएनएस के अनुसार, सभी रिफाइनरियां जरूरत के अनुसार रूस से तेल खरीद रही हैं और साथ ही पश्चिम एशिया व अफ्रीका से भी आपूर्ति ले रही हैं।
नीति में कोई बदलाव नहीं
न्यूयॉर्क टाइम्स के हवाले से दो वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि भारत सरकार ने आयात कम करने का कोई निर्देश नहीं दिया। एक अधिकारी ने स्पष्ट कहा — नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
ट्रंप का बयान और भ्रम
ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने सुना है भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा और इसे अच्छा कदम बताया, हालांकि उन्होंने माना कि उन्हें इसकी पक्की जानकारी नहीं है।
विदेश मंत्रालय का स्पष्ट संदेश
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा — हम अपनी ऊर्जा जरूरतों को बाजार में उपलब्ध विकल्पों और वैश्विक परिस्थितियों के आधार पर तय करते हैं। रूस के साथ भारत की साझेदारी समय की कसौटी पर खरी उतरी है और इसे किसी तीसरे देश के नजरिये से नहीं देखा जा सकता।