🌿 RSS की पृष्ठभूमि से आया नेतृत्व
RSS VP Radhakrishnan का चयन केवल एक संवैधानिक पद पर नियुक्ति नहीं, बल्कि एक वैचारिक यात्रा की परिणति है। संघ की विचारधारा में पले-बढ़े राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर साधना और सादगी से भरा रहा है।
🤝 सौम्य, पर असरदार व्यक्तित्व
राधाकृष्णन की सबसे बड़ी ताकत है—उनकी सौम्यता और संतुलित सोच। ना तो वे विवादों में रहे, ना ही कटु राजनीति के भागीदार बने। यही वजह है कि विपक्ष के कुछ नेताओं ने भी उनकी नियुक्ति का स्वागत किया।
🏛️ राजनीति से परे, सेवा के भाव से
उपराष्ट्रपति पद, जो राज्यसभा के सभापति की भूमिका भी निभाता है, उसमें राधाकृष्णन जैसी शांत और अनुशासित छवि एक नई दिशा दे सकती है। सूत्रों के अनुसार, वे पहले ही “सर्वदलीय समन्वय” की पहल के संकेत दे चुके हैं।
🌟 नई उम्मीदों का चेहरा
RSS VP Radhakrishnan अब न केवल एक संवैधानिक पद को संभाल रहे हैं, बल्कि वे भारतीय राजनीति में संयम और संवाद का चेहरा बनकर उभर रहे हैं। यह शुरुआत कई मायनों में ऐतिहासिक मानी जा रही है।











