
🔥 सोशल मीडिया बैन का ऐलान और मचा भूचाल
जैसे ही नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाने का निर्णय लिया, देश की फिज़ा में गुस्से की लहर दौड़ गई। Facebook, Instagram और TikTok जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म्स को बंद करने की खबर ने युवाओं को उबाल पर ला दिया।
🧑🎓 युवाओं की नाराजगी, सड़कों पर उमड़ा जनसैलाब
सरकार के इस फैसले के विरोध में सबसे बड़ी आवाज Gen-Z और कॉलेज छात्रों ने उठाई। काठमांडू, पोखरा और ललितपुर में लाखों युवा बिना किसी संगठन के नेतृत्व में सड़कों पर उतर आए। इनका सिर्फ एक नारा था – “हमारी आवाज मत दबाओ!”
🧨 शांतिपूर्ण रैली से हिंसक झड़प तक
हालांकि शुरुआत में विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण थे, लेकिन जैसे-जैसे पुलिस बल बढ़ा, टकराव शुरू हो गया। कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। जवाब में प्रदर्शनकारियों ने सरकारी वाहनों को आग लगा दी और पथराव किया।
☠️ अब तक 19 की मौत, सैकड़ों घायल
सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, इस हिंसक टकराव में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। अस्पतालों में अफरा-तफरी का माहौल है और घायलों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
🛑 देशभर में कर्फ्यू, इंटरनेट सेवा ठप
स्थिति बिगड़ने पर सरकार ने कुछ प्रमुख शहरों में कर्फ्यू लगा दिया है। इसके साथ ही पूरे देश में मोबाइल इंटरनेट और वाई-फाई सेवाएं बंद कर दी गई हैं। विरोध और भी तेज़ होता जा रहा है क्योंकि लोग अब ऑफलाइन भी सरकार से जवाब मांग रहे हैं।
🗣️ सरकार का पक्ष – “अराजकता रोकना ज़रूरी”
नेपाल सरकार का कहना है कि सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल हो रहा था, जिससे अफवाहें फैल रही थीं और समाज में तनाव बढ़ रहा था। सरकार इसे “राष्ट्रीय सुरक्षा” का मुद्दा बता रही है।
📢 विपक्ष और जनता की एकजुटता
नेपाली कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस बैन को लोकतंत्र के खिलाफ बताया है। उन्होंने संसद में इस फैसले पर चर्चा की मांग की है और जनता से संयम बनाए रखने की अपील की है।











