🔴 पहली बार इंटरपोल से मदद
ED Purple Notice के तहत भारत की प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक अभूतपूर्व कदम उठाया है। पहली बार इंटरपोल से आधिकारिक तौर पर पर्पल नोटिस जारी करवाया गया है। इससे पहले, ED इस तरह की अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई से दूर रही थी।
🕵️♂️ कौन है निशाने पर?
इस पर्पल नोटिस के ज़रिए ED एक ऐसे संदिग्ध की जानकारी चाहती है, जो तकनीकी धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है और भारत से बाहर भाग चुका है। इंटरपोल का पर्पल नोटिस किसी व्यक्ति की आपराधिक गतिविधियों के तौर-तरीकों को जानने में मदद करता है।
🌐 पर्पल नोटिस क्यों है खास?
इंटरपोल के सात नोटिसों में से पर्पल नोटिस को खास तौर पर ऐसे मामलों में इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें अपराध की modus operandi यानी तरीका बेहद जटिल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला होता है। इसका मकसद दूसरे देशों को अलर्ट करना होता है।
📁 क्या हैं ED के पास सबूत?
सूत्रों की मानें तो ED के पास कुछ तकनीकी सबूत हैं जो दर्शाते हैं कि आरोपी ने भारत में साइबर फ्रॉड को अंजाम दिया है। यही कारण है कि इस बार मामला सिर्फ देश तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को भी जोड़ा गया।
📡 इंटरपोल से क्या उम्मीद?
ED अब इंटरपोल से यह उम्मीद कर रही है कि आरोपी की लोकेशन, उसके उपकरणों और साइबर गतिविधियों से जुड़ी अहम जानकारियाँ मिल सकेंगी। पर्पल नोटिस के ज़रिए दुनियाभर की पुलिस एजेंसियों को भी सतर्क कर दिया गया है।
🔚 ये सिर्फ शुरुआत है!
विशेषज्ञ मानते हैं कि ED Purple Notice की यह पहल आने वाले समय में और भी बड़े खुलासों की शुरुआत हो सकती है। इंटरपोल के साथ यह समन्वय अब एक नई रणनीति का संकेत देता है।











