🔷 सस्ती जमीन ली, पर मुफ्त इलाज नहीं दे रहे!
देशभर में कई निजी अस्पताल सरकार से रियायती दर पर जमीन लेकर बने हैं। इन शर्तों के साथ कि वे गरीबों को मुफ्त इलाज देंगे। लेकिन अब कई अस्पताल अपनी जिम्मेदारी से मुकर रहे हैं।
🔷 सुप्रीम कोर्ट ने लिया सख्त संज्ञान
इस गंभीर मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने ऐसे निजी अस्पतालों को नोटिस जारी करते हुए पूछा है — “अगर आपने जमीन रियायती ली है तो इलाज में रियायत क्यों नहीं?”
🔷 गरीबों की सेहत से खिलवाड़
दरअसल, अस्पतालों को मुफ्त इलाज के नियम को लागू करना जरूरी था। लेकिन हकीकत यह है कि अधिकतर अस्पताल गरीब मरीजों को या तो टालते हैं या उनसे पूरा शुल्क वसूलते हैं। यह सीधे तौर पर गरीबों के स्वास्थ्य अधिकार का हनन है।
🔷 सरकारी ज़मीन, पर सेवा नहीं?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर निजी अस्पताल सरकारी या सस्ती जमीन का लाभ उठा रहे हैं, तो उन्हें समाजसेवा और ज़िम्मेदारी भी निभानी होगी। ये संस्थान सिर्फ मुनाफा नहीं कमा सकते।
🔷 अब क्या होगा?
इस मामले में अगली सुनवाई जल्द हो सकती है। अगर कोर्ट सख्त फैसला देता है, तो यह देशभर के हजारों गरीब मरीजों के लिए राहत बन सकता है — और निजी अस्पतालों की जवाबदेही तय हो सकती है।











